Saturday 9 August 2014

बहुत दिन गुज़र चुके तेरी जुदाई में

बहुत दिन गुज़र चुके तेरी जुदाई में
कटती है मेरी रातें आज भी तन्हाई में
तुझे याद करके आज भी में रोता हूँ
क्या बताऊँ कुछ पाता बस खोता हूँ
तेरी वो प्यारी सी मुस्कान याद आती है
तेरी वो हँसी की आवाज़ मेरे कानो में गुदगुदाती है
तेरे वो मीठे बोल आज भी लुभाते हैं
तेरे संग बिताये लम्हे आज भी दिल को भाते हैं
तुझसे मिलने को आज भी बेकरार है मेरा दिल
काश कभी कहीं से आकर तू मुझे मिल


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