Saturday 9 August 2014

दिल की बात को दिल में आज उतरने दो

दिल की बात को दिल में आज उतरने दो
वक़्त है ये ना ठेहरेगा इसे गुज़रने दो
आखों से करलो बातें मुझसे कुछ आज
बिन बोले भी सुन लो इस दिल की आवाज़
दिल है मेरा भोला पंछी उड़ने दो
दिल की बात को दिल में आज उतरने दो
तुम आते हो फूल खिलकर मुस्काते हैं
देखो कितनी हसीन ये मुलाकातें हैं
बार बार मिला करो मुझे खुद से जुड़ने दो
दिल की बात को दिल में आज उतरने दो
तुमको पा कर दिल से बस निकली एक फरियाद
चाहत में बस तेरी करें खुद को बर्बाद
तेरे लिये मेरी ये चाहत बढ़ने दो
दिल की बात को दिल में आज उतरने दो

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