Tuesday 5 August 2014

तेरी जुदाई रात भर तड़पाये


हंसना भुला दिया तेरी इस जुदाई ने,
रोना सिखा दिया तेरी इस जुदाई ने,
सोचती रही हर पल हर घड़ी तेरे बारे में,
तेरी इन यादों ने आंसू दे दिये,
तेरी जुदाई में इस कदर शामिल हो गयी
कि मेरे होठों की मुस्कान ले गयी,
मुस्‍कान की जो वजह कभी देते थे तुम,
तुम ही मेरे होठों की मुस्कान ले गये,
तेरी बेवफाई ने भरोसा मेरा तोड़ दिया,
तेरी जुदाई ने मुझको तोड़ दिया,
जो खुशियों के फूल मेरे दिल में खिलते थे,
वहीं आज ग़म के काँटे चुभते हैं,
बिखर के टूट गये इस कदर
कि अब ना जीने के बहाने रह गये,
आँसू नहीं बहते थे जो पलकों से मेरी,
आज वही हर पल इन आँखों की पहचान बन गये,
तेरे प्यार की खुशबू में जो झूम उठती थी मैं,
उन्ही आँखों में तुम आज नफ़रत के आंसू दे गये,
जो जीने का एहसास देते थे तुम
आज तुम ही मेरे आँसुओं की वज़ह बन गये,
सोचा ना करूं तुम से प्यार
पर प्यार तुम तो मेरे रोने की वजह बन गये.


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