Tuesday 5 August 2014

ना जाने क्यों..........

ना जाने क्यों वो मुझसे इतना प्यार करता है मेरी हर चीज़ का खयाल रखता है इन छोटी सी आँखों में सपने सुहाने लिये क्यों मेरे आने का इंतज़ार करता है उसकी मुस्कुराहट पे हम मर गये ना जाने कब हम उनके दिल में समां गये जिस की हासी पे मरने का दिल करता है जो कह दे तो फिर से जीने का दिल करता है ऐसा हमसफर मिला है मुझे जिसके प्यार के लिये जान देने का दिल करता है क्या कहूँ और उसकी तारीफ में बस यूँ ही उससे प्यार करने का दिल करता है

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