Thursday 26 March 2015

योगेश कुमार यदुवंशी

(1)सपनों के सागर में


सपनों के सागर में एक लोटा डगमगाता है
आँखों के रास्ते वो बह कर आता है
आकाश के तारों को छूने की अभिलाषा है
वक़्त के साथ बदलाव लाने की आशा है
दिल के एक कोने में एक ज़िन्दगी लहराती है
जो बस बढती जाये वही तो यह बंदगी कहलाती है
मन के सितार में सुरों की जो माला है
क्या कहें कितने प्यार से बाँधा ये ताला है
किस कदर हैरत से गुज़रती है ये जिंदगानी
कभी है ठंडी बर्फ और कभी है तपता पानी


दुनिया की सर्कस में कुछ दिनों का ये खेला है
अभी जीलो सबके संग पर जाना अकेला है


(2)तेरी मोहब्बत में पागल होना ज़रूरी है

तेरी मोहब्बत में पागल होना ज़रूरी है



 तेरी मोहब्बत में घायल होना ज़रूरी है
तेरी मोहब्बत में भुलाना होगा सारा ज़माना
हाँ तेरी मोहब्बत में हर तूफ़ान से है टकराना
तेरी मोहब्बत में कटेंगे दिन और रातें
हाँ तेरी मोहब्बत में होंगी डूबी मेरी बातें
तेरी मोब्बत में नहीं है चैन दिन रैना
हाँ तेरी मोहब्बत में तेरे साथ ही है रहना

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